राष्ट्रीय कृषि दिवस: अन्नदाता को सम्मान देने का पर्व
( अपूर्व दास )
भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ की लगभग 60–65 प्रतिशत जनसंख्या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है। हमारे देश की अर्थव्यवस्था, संस्कृति और जीवनशैली में कृषि का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। किसानों की मेहनत और त्याग के कारण ही देश की विशाल आबादी को भोजन प्राप्त होता है। किसानों के योगदान और कृषि के महत्व को समझाने के उद्देश्य से हर वर्ष 23 दिसंबर को राष्ट्रीय कृषि दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारत के पाँचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के रूप में भी जाना जाता है, जिन्होंने अपना पूरा जीवन किसानों के अधिकारों और कृषि सुधारों के लिए समर्पित कर दिया।
◽राष्ट्रीय कृषि दिवस का महत्व
राष्ट्रीय कृषि दिवस केवल एक तिथि नहीं, बल्कि यह हमारे अन्नदाता किसानों के प्रति सम्मान, कृतज्ञता और जागरूकता का प्रतीक है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारी थाली तक पहुँचने वाला हर दाना किसानों की अथक मेहनत का परिणाम है। खेतों में पसीना बहाने वाला किसान ही देश की खाद्य सुरक्षा की नींव है। इस दिवस के माध्यम से सरकार और समाज कृषि से जुड़ी समस्याओं, चुनौतियों और उनके समाधान पर विचार करते हैं।
◽चौधरी चरण सिंह और कृषि
चौधरी चरण सिंह को “किसानों का मसीहा” कहा जाता है। उन्होंने जमींदारी प्रथा के उन्मूलन, भूमि सुधार और छोटे व सीमांत किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उनका मानना था कि जब तक किसान मजबूत नहीं होगा, तब तक देश की प्रगति संभव नहीं है। राष्ट्रीय कृषि दिवस उनके विचारों और संघर्षों को स्मरण करने का अवसर भी है।
◽भारतीय कृषि की स्थिति
भारत में कृषि केवल व्यवसाय नहीं, बल्कि जीवन का आधार है। यहाँ धान, गेहूँ, मक्का, दालें, तिलहन, गन्ना, कपास, फल और सब्जियों की विविधता पाई जाती है। हरित क्रांति ने देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया, लेकिन आज भी किसानों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जलवायु परिवर्तन, अनियमित वर्षा, बढ़ती लागत, कम समर्थन मूल्य, कर्ज और बाजार की अस्थिरता जैसी चुनौतियाँ कृषि को प्रभावित कर रही हैं।
◽आधुनिक कृषि और तकनीक
आज के समय में कृषि में आधुनिक तकनीक की भूमिका तेजी से बढ़ रही है। ड्रिप सिंचाई, स्प्रिंकलर प्रणाली, उन्नत बीज, जैविक खेती, डिजिटल कृषि प्लेटफॉर्म और कृषि यंत्रों के उपयोग से उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड और ई-नाम जैसी योजनाएँ किसानों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान कर रही हैं। राष्ट्रीय कृषि दिवस पर इन योजनाओं की जानकारी किसानों तक पहुँचाने का प्रयास किया जाता है।
◽किसानों की भूमिका और सम्मान
किसान केवल अन्न पैदा करने वाला ही नहीं, बल्कि वह समाज की रीढ़ है। वह कठिन परिस्थितियों में भी खेतों में काम करता है—कभी तेज धूप में, कभी ठंड और बारिश में। उसके बिना देश की कल्पना अधूरी है। इसलिए राष्ट्रीय कृषि दिवस हमें किसानों के प्रति सम्मान और सहयोग की भावना विकसित करने की प्रेरणा देता है।
◽युवाओं की भागीदारी
आज आवश्यकता है कि युवा पीढ़ी भी कृषि को अपनाए और इसे आधुनिक, लाभकारी और सम्मानजनक पेशा बनाए। कृषि में स्टार्टअप, एग्री-बिजनेस, जैविक खेती और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाएँ हैं। राष्ट्रीय कृषि दिवस युवाओं को कृषि से जोड़ने और नवाचार के लिए प्रेरित करता है।
राष्ट्रीय कृषि दिवस हमें यह याद दिलाता है कि देश की समृद्धि किसानों की खुशहाली से जुड़ी है। यदि किसान मजबूत होगा, तो राष्ट्र भी मजबूत होगा। हमें केवल एक दिन नहीं, बल्कि हर दिन किसानों के सम्मान, उनकी समस्याओं के समाधान और कृषि के विकास के लिए प्रयास करना चाहिए। यही राष्ट्रीय कृषि दिवस का सच्चा उद्देश्य और संदेश है।